फसलों को बचाने के लिए चंदा पंचायत में नीलगाय के शिकार का विरोध

बक्सर जिले के चंदा पंचायत के किसानों ने अपनी फसलों को नुकसान पहुंचाने वाली नीलगायों के शिकार की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। किसानों का कहना है कि वे अपनी फसल का नुकसान झेलने को तैयार हैं, लेकिन बेजुबान जानवरों के शिकार का कलंक नहीं उठाना चाहते। इस घटना के बाद से सरकार और किसानों के बीच एक गंभीर चर्चा शुरू हो गई है। Bihari By Nature पर इस मुद्दे पर अधिक जानकारी मिल सकती है, जो एक प्रमुख हिंदी न्यूज़ पोर्टल है।

Government’s Plan for Nilgai Hunting

सरकार ने नीलगायों (जिसे घोड़परास भी कहा जाता है) और जंगली सूअरों से किसानों की फसलों को बचाने के लिए शिकार की अनुमति दी है। बक्सर जिले में नीलगायों की समस्या से निपटने के लिए हैदराबाद से शूटर बुलाए गए थे। पंचायत के कई इलाकों में इन जानवरों का शिकार भी किया गया, लेकिन चंदा पंचायत के किसानों ने इसका कड़ा विरोध किया है।

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Chanda Panchayat Farmers’ Stand Against Hunting

जब शूटर की टीम चंदा पंचायत में नीलगायों को मारने के लिए पहुंची, तो किसानों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया। उनका कहना था कि उन्हें अपनी फसल का नुकसान मंजूर है, लेकिन वे नीलगाय के शिकार का समर्थन नहीं कर सकते। गांव के किसान चलाखु नोनिया, सुभाष चौधरी, नित्यानंद यादव और बिरदा बच्चन यादव ने यह स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार को इस समस्या का कोई और समाधान निकालना चाहिए।

What the Village Leader Says

चंदा पंचायत के मुखिया, अजय कुमार गिरि ने बताया कि नीलगाय किसानों की फसल का सबसे बड़ा दुश्मन है। रात-रात भर जागकर फसलों की सुरक्षा करने वाले किसानों को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए शूटर बुलाए गए थे, लेकिन पंचायत के किसानों ने इसे ठुकरा दिया।

FAQs

Q1: नीलगाय के शिकार की अनुमति क्यों दी गई है?
सरकार ने किसानों की फसलों को बचाने के लिए नीलगाय और जंगली सूअर के शिकार की अनुमति दी है, ताकि इन जानवरों से फसलों को नुकसान न हो।

Q2: चंदा पंचायत के किसानों ने शिकार का विरोध क्यों किया?
किसानों का मानना है कि फसल का नुकसान सहन किया जा सकता है, लेकिन वे जानवरों के शिकार का कलंक नहीं लेना चाहते।

Q3: क्या अन्य पंचायतों ने नीलगाय के शिकार की अनुमति दी है?
हाँ, बक्सर जिले के अन्य पंचायतों में नीलगायों का शिकार किया गया है, लेकिन चंदा पंचायत के किसानों ने इसका विरोध किया है।

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