एक छोटे से गाँव की रहने वाली अराध्या त्रिपाठी ने अपनी मेहनत और लगन से गूगल से ₹56 लाख का पैकेज हासिल कर सबको चौंका दिया है। खास बात यह है कि अराध्या ने यह उपलब्धि IIT, IIM, NIT या IIIT से नहीं बल्कि मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (MMMUT) से पढ़ाई करके हासिल की है।
यह उनके विश्वविद्यालय के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा पैकेज है। यह उपलब्धि उन छात्रों के लिए प्रेरणा है जो छोटी जगहों से आते हैं और सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं।
Simple Beginnings to Stellar Success
अराध्या त्रिपाठी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता पेशे से वकील हैं और माँ एक गृहिणी हैं। बचपन से ही अराध्या पढ़ाई में बहुत तेज थीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जोसेफ स्कूल से पूरी की और फिर MMMUT में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया।
यहाँ से शुरू हुआ उनका सफर जो उन्हें गूगल जैसी दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक तक ले गया। उनकी मेहनत और कड़ी साधना ने उन्हें सबसे अलग बना दिया।
Rejection of ₹32 Lakh Offer
2023 में अराध्या ने स्कैलर नामक कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर इंटर्नशिप की। उनकी काबिलियत को देखते हुए उन्हें ₹32 लाख का ऑफर दिया गया। लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया क्योंकि गूगल से उन्हें ₹56 लाख का बड़ा ऑफर मिल गया।
अराध्या ने अपनी स्किल्स और टेक्नोलॉजी के प्रति गहरी समझ का प्रदर्शन करते हुए यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल में बताया कि वे React.JS, NextJs, Typescript, NodeJs, MongoDB, और ExpressJS जैसी कई टेक्नोलॉजी पर मजबूत पकड़ रखती हैं।
Perseverance and Hard Work: Key to Success
अराध्या ने अपने करियर के शुरुआती चरण में ही कई प्रतियोगी माहौल में काम किया, जहाँ उन्होंने स्केलेबल प्रोडक्ट्स और लाइव प्रोडक्शन ट्रैफिक को हैंडल करने का अनुभव हासिल किया।
उन्होंने करीब 1000 से अधिक कोडिंग समस्याओं को हल किया है और विभिन्न कोडिंग प्लेटफार्मों पर अच्छा रैंक हासिल किया है।
अराध्या की कहानी यह सिद्ध करती है कि आपको किस कॉलेज से डिग्री मिली है, इससे अधिक महत्व यह रखता है कि आप खुद में क्या काबिलियत लेकर आते हैं।
संजय चौबे एक डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल हैं जिन्हे दस साल से ज्यादा का अनुभव हैं डिजिटल वर्ल्ड में। इस वेबसाइट का उद्देश्य लोगो को सही राह दिखाने में मदद करना हैं जिससे वो अपनी मंजिल तक पहुंचे। ॐ नमः शिवाय !