शिव लोकगीत – 1
नेवता पेठवले बानी भोले रउरी मंदिरिया अईह त लेले अईह गउरा जी के संगिया ………………..2
लक्ष्मी जी के ले अईह काली जी के ले अईह दुर्गा जी के ले अईह अपने जरूर अईह
असरा लगवले बानी भोले रउरी मंदिरिया अईह त लेले अईह गउरा जी के संगिया……….2
ब्रम्हा जी के ले अईह विष्णु जी के ले अईह गणेश जी के ले अईह अपने जरूर अईह
असरा लगवले बानी भोले रउरी मंदिरिया अईह त लेले अईह गउरा जी के संगिया …………2
राम जी के ले अईह लक्ष्मण जी के ले अईह भरत जी के ले अईह अपने जरूर अईह
असरा लगवले बानी भोले रउरी मंदिरिया अईह त लेले अईह गउरा जी संगिया………….2
राधा जी के ले अईह सीताजी के ले अईह सरस्वती जी ले अईह अपने जरूर अईह
नेवता पेठवले बानी भोले। ……………………………………………………………………
शिव लोकगीत – 2
हमरा मन में लागल आश हम त गइनी कैलाश
हम त भोला जी के अजबे निशानी देखनी ………….2
केहु बरतन माजेला केहु आँगन बहारेला हम त भूतवे के भंगिया पीसत देखनी
हमरा मन में लागल ………………………………… 2
केहु आटा सानेला केहु सब्जी काटेला हम त भूतवे के बाशहा चढ़त देखनी
हमरा मन में लागल ………………………………….2
केहु तवा लेवेला केहु चौकी लेवेला हम त भूतवे के रोटिया बेलत देखनी
हमरा मन में लागल………………………………….2
शिव लोकगीत – 3
हमरो दहिन बहिया देख लिहे भइया जी हमार अरे देख लिहे भइया जुलुम होइ जईहे कई दिहे