घर की चहल पहल होती है बेटिया ,
जीवन में खिलता कमल होती है बेटिया।
कभी गुनगुनी सुहानी धुप होती है बेटिया ,
कभी चंदा सी शीतल होती है बेटिया।।
शिछा गुण संस्कार से भरी होती है बेटिया ,
बेटो से भी अच्छी होती है बेटिया।।
सहारा दो अगर विशवास का तो ,
पावन गंगाजल सी होती है बेटिया।।
बेटा वारिस होता है तो ,
पारस होती है बेटिया।।
प्कृति के सद्गुण सींचो तो ,
प्रकृति सी निस्छल होती है बेटिया।।
बेटा घर का वंश होता है तो ,
बेटिया घर का अंश होती है।
बेटा घर का भाग्य होता है तो ,
बेटिया घर की विधाता होती है।
बेटा घर का आन होता है तो ,
बेटिया घर की शान होती है।
बेटा घर का मान होता है तो ,
बेटिया घर की गुमान होती है।
बेटा घर का संस्कार होता है तो ,
बेटिया घर की संस्कृति होती है।
बेटा घर का दावा होता है तो ,
बेटिया घर की दुआ होती है।
बेटा घर का गीत होता है तो ,
बेटिया घर की संगीत होती है।
बेटा घर का प्रेम होता है तो ,
बेटिया घर की पुजा होती है।
अरे फिर क्यों डरते हो पैदा करने से ,
अरे आने वाला कल होती है बेटिया………